बागेश्वर धाम एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो भारत के उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर शहर में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इस मंदिर को कुमाऊं क्षेत्र के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में गिना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, Bageshwar Dham वह स्थान है जहां भगवान शिव ने राक्षस भाटी को हराया था, जिसने इस क्षेत्र को आतंकित कर रखा था। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में चंद वंश के शासकों ने कराया था।
बागेश्वर धाम उत्तराखंड (Bageshwar Dham Uttarakhand)
इन वर्षों में, मंदिर में कई नवीकरण और परिवर्धन हुए हैं, जिसमें 19वीं शताब्दी में जटिल लकड़ी की नक्काशी के साथ एक बड़े हॉल का निर्माण भी शामिल है। मंदिर में भगवान गणेश, देवी दुर्गा और भगवान हनुमान सहित अन्य हिंदू देवताओं को समर्पित कई छोटे मंदिर भी हैं।
बागेश्वर धाम मंदिर कई त्योहारों और मेलों से भी जुड़ा हुआ है, जिसमें बागेश्वर मेला भी शामिल है, जो हर साल जनवरी के महीने में आयोजित होता है। इस त्योहार के दौरान, पूरे क्षेत्र से श्रद्धालु मंदिर में प्रार्थना करने और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए इकट्ठा होते हैं।
आज बागेश्वर धाम कुमाऊं क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बना हुआ है, जो हर साल हजारों भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
अर्जी वाला मंदिर- बागेश्वर धाम सरकार (Bageshwar Dham Madhya Pradesh)
बालाजी का दरबार : बागेश्वर सरकार
बागेश्वर धाम सरकार मंदिर एक ऐसा चमत्कारिक मंदिर जिसकी चर्चा इन दिनों पूरे देश में जोरों पर है। बालाजी महाराज को समर्पित इस मंदिर में बालाजी का दरबार लगाया जाता है और उसमे भक्तों की अर्जी लगाई जाती है और फिर उनकी सुनवाई की जाती है। आइए जानते हैं इस मंदिर का इतिहास के बारे में और यहाँ कैसे लगती है अर्जी।
बागेश्वर धाम सरकार मंदिर (Bageshwar Dham Temple)
Bageshwar Dham सरकार मंदिर, यह मंदिर मध्यप्रदेश के छतरपुर के पास बागेश्वर धाम में स्थित है और यह मंदिर बालाजी महाराज को समर्पित है। इस मंदिर की देखरेख मंदिर के आचार्य श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री करते हैं इस समय 2023 में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पूरे देश में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
इस मंदिर में आकर श्रद्धालु अपनी अर्जी लगाते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होने के साथ ही उन्हें हर कष्ट से मुक्ति मिलती है।
भगवान बालाजी का दरबार यहां आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने गुरूजी को ध्यान करके श्री राम का नाम लेकर लगाते हैं और मंदिर में आने वाले किसी भी अनजान को उनके नाम से बुलाते हैं। फिर उसके समस्या एक पर्ची में लिख देते हैं।
बागेश्वर धाम सरकार मंदिर का इतिहास
बागेश्वर धाम Bageshwar Dham मंदिर एक पुराना चमत्कारिक मंदिर है। बागेश्वर धाम मंदिर भगवान बालाजी का फेमस मंदिर है। यह मंदिर मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के खजुराहो पन्ना रोड पर स्थित एक छोटे से गंज नाम के कस्बे से 35 किमी की दूरी पर स्थित है।
आज से लगभग 20- 30 साल पहले करीब 1986 में इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया था। उसके बाद वर्ष 1987 में वहां एक संत सेतु लालजी महाराज आये और फिर यह मंदिर काफी प्रसिद्ध होता चला गया।
संत सेतु लालजी महाराज
संत सेतु लालजी महाराज आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादाजी थे। वर्ष 2012 में महाराज जी ने मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की समस्या का निवारण करने के लिए दरबार लगाना शुरू किया। वर्ष 2016 में बागेश्वर धाम में भूमि पूजन हुआ और फिर भगवान बालाजी का यह धाम समस्याओं के निवारण के लिए प्रसिद्ध होता चला गया।
बागेश्वर धाम – कैसे लगाई जाती है अर्जी
Bageshwar Dham में हर मंगलवार को भक्तों की भीड़ उमड़ती है और श्रद्धालु बालाजी के इस दरबार में अपनी अर्जी लगाते हैं। बागेश्वर धाम में पर्ची लगाने की प्रक्रिया बहुत आसान है। लोगो को अपनी समस्या एक पर्ची पर लिखकर उसे लाल कपड़े और नारियल के साथ लपेटकर यहां मंदिर के परिसर में रखना होता है।
यहाँ मंदिर के पास दुकानों पर आपको अर्जी सुब सामान जिसमे लाल, पीले और काले कपड़े में बंधे हुए नारियल आदि सामग्री होती है आसानी से मिल जाएगी ।
मंदिर में अर्जी लगाने का तरीका
- अगर आपकी अर्जी सामान्य है तो आप लाल कपड़े में नारियल को बांधें।
- अगर आपकी अर्जी शादी-विवाह से जुड़ी है तो आप नारियल को पीले कपड़े में बांधें।
- अगर आपकी अर्जी प्रेत बाधा से जुड़ी है तो आपको नारियल को काले कपड़े में बांधना होगा ।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहते हैं जो लोग मंदिर तक पहुंचने में असमर्थ हैं वे अपने घर पर ही पूजास्थल में नारियल के साथ अपनी अर्जी लगा सकते हैं। लोग का विश्वास है कि घर पर लगी अर्जी भी बालाजी महाराज सुन लेते हैं।
अर्जी स्वीकार हुई या नहीं- कैसे पता लगता हैं
आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के अनुसार अगर आपने अपनी कोई अर्जी सच्ची श्रद्धा से बाबा के दरबार में लगाई है और आपकी अर्जी बाबा ने स्वीकार की है तो आपको अपने सपने में लगातार 2 से 3 दिन तक बंदर दिखाई देंगे।
अगर आपको केवल एक ही दिन सपने में बंदर दिखाई दें तो यह मान लेना चाहिए कि आपकी अर्जी बाबा तक पहुंच चुकी है। जब आपकी अर्जी स्वीकार हो जाएगी तो घर के किसी न किसी सदस्य को सपने में 2 से 3 दिन तक बंदर दिखाई देंगे।
अगर आपको सपने में बंदर न दिखें तो फिर से मंगलवार को ये उपाय करने होंगे जिससे बाबा तक आपकी अर्जी पहुंच जाये।
ये उपाय 2 – 3 मंगलवार तक लगातार दोहराने से आपकी अर्जी जरूर स्वीकार होगी।
कैसे पहुंचें बागेश्वर धाम
By ROAD:-
अगर आप बागेश्वर धाम Bageshwar Dham सरकार मंदिर सड़क मार्ग से जा रहे हैं, भोपाल से बागेश्वर धाम की दूरी लगभग 365 किमी है।
By Train:
अगर आप बागेश्वर धाम Bageshwar Dham सरकार मंदिर ट्रेन से जाने की इच्छा हैं तो आप बागेश्वर धाम छतरपुर रेलवे स्टेशन या फिर खजुराहो रेलवे स्टेशन उतारकर भी मंदिर पहुंच सकते है। इस रेलवे स्टेशन से धाम तक के लिए आपको टैक्सी या बस भी आसानी से मिल जाएगी।
By Air :-
बागेश्वर धाम Bageshwar Dham सरकार मंदिर के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट खजुराहो एयरपोर्ट है।