नमस्कार दोस्तों ! आज हम बात करेंगे राजस्थान के एक बहुत प्रसिद्ध मंदिर रंगजी के बारे में। Rangji mandir राजस्थान के पुष्कर में स्थित है। यह मंदिर राजस्थान के बहुत प्रसिद्ध मंदिरों में से एक हैं। यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार भगवान रंगजी को समर्पित है।
रंगजी मंदिर (Rangji temple)
रंगजी मंदिर का निर्माण और इतिहास (Rangji mandir construction & history)
ऐसा माना जाता है कि रंगजी मंदिर का निर्माण 1823 में सेठ पूरन मल गनेरीवाल ने करवाया था। वे हैदराबाद के रहने वाले थे। इस मंदिर में और भी दूसरे देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी उपस्तिथ हैं। जैसे की गोड्डामाजी, देवी लक्ष्मी, भगवान कृष्ण और श्री रामानुजाचार्य की मूर्ति भी हैं।
Rangji mandir देश के इस हिस्से में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यहाँ श्रद्धालु देश और विदेश के कोने कोने से भगवान के दर्शन करने के लिए आते हैं। यह मंदिर राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध शहरों में से एक पुष्कर शहर में स्थित है, जो अपने लगभग 400 आश्चर्यजनक मंदिरों के लिए जाना जाता है।
इस प्रकार, कई लोग मानते हैं कि इस जगह को पर्यटन स्थल की सूची में शामिल करना चाहिए और इस शहर में एक बार घूमने के लिए अवश्य जाना चाहिए।
रंगजी मंदिर की वास्तुकला और संरचना (Rangji mandir architecture)
Sri Rangji mandir के निर्माण में राजपूत और मुगल वास्तुकला दोनों का संगम देखने को मिलता है। इस मंदिर में ऊंचे उठते गोपुरम के रूप में दक्षिण भारतीय वास्तुकला का भी संकेत मिलता है। कई दर्शकों के अनुसार यह विशेषता मंदिर को एक अतिरिक्त आकर्षण प्रदान करती है।
रंगजी मंदिर के आस-पास का आकर्षण (Rangji mandir surroundings)
रंगजी मंदिर के आस-पास के क्षेत्र में अन्य स्थान भी हैं, जैसे कि ब्रह्मा मंदिर, सावित्री मंदिर, वराह मंदिर और सरस्वती देवी का मंदिर। इसके अलावा घूमने फिरने के लिए भी पुष्कर बाज़ार, रत्नागिरी पहाड़ी और उसकी पर पैदल यात्रा, ऊँट सफारी और गर्म हवा के गुब्बारे की सवारी, पर्यटक यहाँ बहुत ही मजे से घूमते है और आनंद लेते है ।
मंदिर में पूरे वर्ष हिंदू धार्मिक कैलेंडर के अनुसार कई कार्यक्रम भी मनाए जाते हैं, जिसमें बड़ी भीड़ मंदिर में बड़े उत्साह के साथ प्रार्थना करने आती है। यह मंदिर श्री वैष्णव या रामानुज को समर्पित दो मंदिरों में से एक है और यह मंदिर श्री वैष्णव संप्रदाय के पौष्कर संप्रदाय से संबंधित है।
विदेशियों को जाने की अनुमति नहीं हैं
Sri Rangji mandir में जब हम प्रवेश करते है तो हमें वहाँ कुछ सुंदर मूर्तियों के साथ विशाल गोपुरम दिखाई देता है। और जब हम गर्भगृह में प्रवेश करेंगे तो वहां एक विशाल गरुड़ स्तंभ हैं। गरुड़, भगवान विष्णु का वाहन हैं और गरुड़ स्तंभ उनका प्रतिक हैं।
मंदिर के अंदर मुख्य गर्भगृह में रंगजी भगवान (जो की विष्णु भगवन के अवतार है) की मूर्ति है। रंगजी मंदिर के परिसर में एक छोटा सा संग्रहालय भी है जिसमें देवताओं के त्योहारों के दौरान उपयोग किए जाने वाले राजसी वाहन और भव्य छतरियां राखी गई हैं।
पुष्कर के Rangji mandir में 1844 से द्रविड़ ब्राह्मणों द्वारा पंचरात्र विशि के अनुसार पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं। इस मंदिर में 1864 से ही मंदिर के मुख्य गोपुरम में विदेशियों को जाने की अनुमति नहीं है।
संरक्षण विशेषज्ञों द्वारा मंदिर परिसर को इसकी कला और वास्तुकला के सौंदर्य वैभव को संरक्षित करने के लिए चुना गया है।
रंगजी मदिर का समय (Rangji temple pushkar timings)
Sri Rangji mandir सभी दिनों में सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे के बीच बिना किसी प्रवेश शुल्क के, सभी भक्तों के लिए खुला रहता है।
रंगजी मंदिर तक पहुंचने का तरीका (Way to Rangji mandir)
अजमेर शहर से Rangji mandir करीब 15 किलोमीटर की दुरी पर स्तिथ है। यहाँ पहुंचने के लिए अजमेर रेलवे स्टेशन सबसे नजदीक है।
निजी वाहन का उपयोग करके या स्थानीय परिवहन के अन्य साधनों जैसे ऑटो, या बस का उपयोग करके भी रंगजी मंदिर तक पहुँचा जा सकता है।